हाल ही में आईं विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं के बाद, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाने के लिए दुनिया भर में कार्यकर्ता एकजुट हो गए हैं। विभिन्न देशों में हजारों लोगों ने जलवायु कार्रवाई की मांग करते हुए रैलियों और प्रदर्शनों का आयोजन किया।
इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाल के तूफान, बाढ़, जंगल की आग, और अत्यधिक तापमान जैसी आपदाएं इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अब पहले से कहीं अधिक गंभीर हो चुका है। वे सरकारों और उद्योगों से तत्काल और ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, ताकि वैश्विक तापमान को नियंत्रित किया जा सके और भविष्य की आपदाओं को रोका जा सके।
रैलियों में लोगों ने जलवायु न्याय, जीवाश्म ईंधन के उपयोग को समाप्त करने, और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के नारे लगाए। कई संगठनों और युवा कार्यकर्ताओं ने जलवायु नीति में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि अगर अब कार्रवाई नहीं की गई, तो इसके परिणाम और भी विनाशकारी हो सकते हैं।
इस वैश्विक आंदोलन ने सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का ध्यान खींचा है, जो अब जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत बदलावों पर विचार कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का यह प्रयास जलवायु संकट के प्रति जागरूकता बढ़ाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।